मालिनीथान मंदिर अरुणाचल प्रदेश के लोअर सियांग जिले लिकाबाली शहर में स्थित है। यह मंदिर असम राज्य से केवल 3 किमी और असम राज्य में सिलपाथर सहार से 7 किमी की दूरी पर स्थित है। इस मंदिर को 14वीं शताब्दी में चुटिया राजाओं दुवरा बनवाया था। यह अरुणाचल की पहाड़ी पर स्थित है जो 69 फीट की ऊंचाई पर है, आप मंदिर के शीर्ष पर जा सकते हैं और इसके चारों ओर के मैदानी इलाकों और ब्रह्मपुत्र नदी का शानदार दृश्य देख सकते हैं। यह मंदिर अपने ऐतिहासिक महत्व के अलावा सुन्दर परिदृश्यो के लिए भी प्रसिद्ध है, जिन्हें आप अरुणाचल प्रदेश के प्रसिद्ध मंदिर में शामिल कर सकते है। अगर आप भी अरुणाचल प्रदेश घूमने की योजना बना रहे हैं या इस प्रसिद्ध प्राचीन मंदिर के बारे में जानना चाहते हैं तो हमारे लेख को पूरा पढ़ें।
मालिनीथान मंदिर का इतिहास | History of Malinithan Temple in Hindi
इतिहास के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि जब कृष्ण विदर्भ के राजा भीष्मक की बेटी रुक्मिणी से शादी करना चाहते थे, और भीष्मक ने अपनी बेटी रुक्मिणी को शिशुपाल से शादी करने की व्यवस्था की थी। तभी कृष्ण ने रुक्मिणी का अपहरण कर लिया, इससे पहले कि वह शिशुपाल से शादी कर पाती। और फिर कृष्ण और रुक्मिणी भीष्मकनगर से द्वारका की यात्रा कर रहे थे, रास्ते में मालिनीथान में रुके, जहाँ उन्होंने शिव और दुर्गा को तपस्या करते हुए पाया और थोड़ी देर के लिए शिव और दुर्गा के मेहमान बन गए। पार्वती ने भगवान कृष्ण को अपने बगीचे से फूलों की एक माला भेंट की, कृष्ण फूलों की गंध से इतने प्रसन्न हुए कि उन्होंने पार्वती को मालिनी का नाम दिया, जिसका अर्थ है “बगीचे की मालकिन”, और तब से इस स्थान का नाम मालिनीथान रखा गया है।
मालिनीथान मंदिर की वास्तुकला | Architecture of Malinithan Temple in Hindi
मालिनीथान मंदिर की मूर्तियां ग्रेनाइट पत्थर से तराशी गई पांच उल्लेखनीय मूर्तियां हैं। जिनमें एक मूर्ति इंद्र अपने ऐरावत पर्वत पर सवार हैं, कार्तिकेय मोर की सवारी कर रहे हैं, सूर्य एक रथ पर सवार हैं, और गणेश एक चूहे पर सवार हैं, और मंदिर के बहार एक बड़ा नंदी बैल भी मजूद है। मंदिर की वास्तुकला उत्खनन से 8 फीट की ऊंचाई पर है, मंदिर देवताओं और जानवरों की मूर्तियों का एक सुंदर दृश्य है, फूलों के डिजाइन, क्षतिग्रस्त स्तंभ और पैनल बहुत अच्छी तरह से डिजाइन और नक्काशीदार है। मंदिर के खंडहरों के चारों कोनों पर दो हाथियों पर शेरों की चार मूर्तियां दिखाई देती हैं। मंदिर का पुनर्निर्माण 2019 में किया गया है, यह मंदिर आसपास के क्षेत्रों से बहुत से पर्यटकों को आकर्षित करता है।
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पूजा आरती का समय | Timings of Puja Aarti in Hindi
अगर आप अपने दोस्तों या परिवार के साथ मालिनीथान मंदिर के दर्शन करने जा रहे हैं और इसकी पूजा आरती के समय के बारे में जानना चाहते हैं, तो आपको बता दें कि यह मंदिर प्रतिदिन सुबह 6.00 बजे से शाम 7.00 बजे तक भक्तों के दर्शन के लिए खुला रहता है। सुबह की आरती 8.00 बजे और शाम की आरती 5.00 बजे की जाती है। आप इस दौरान कभी भी मंदिर के दर्शन के लिए आ सकते हैं। पूरे मंदिर को अच्छे तरह से दर्शन करने के लिए आपको 2 से 3 घंटे का समय चाहिए।
मालिनीथान का मुख्य त्यौहार | Festival of Malinithan Temple in Hindi
मालिनीथान मंदिर का मुख्य उत्सव अप्रैल के महीने में आयोजित किया जाता है। दुर्गा मां की पूजा की जाती है, और एक बहुत बड़ा मेला का आयोजन किया जाता है। इस मेले को देखने के लिए आस पास के शहर से काफी संख्या में पर्यटक आते हैं। मेले में हर तरह की दुकानें, कपड़े की दुकान, बच्चों के खेल, होटल, गहने हैं। मेले में बच्चों से लेकर बड़ों तक के मनोरंजन के लिए कई गतिविधियां होती हैं।
सबसे अच्छा समय मालिनीथान मंदिर घूमने के लिए | Best Time to Visit in Malinithan Temple in Hindi
मालिनीथान मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच का है जब इस जगह की यात्रा करने के लिए मौसम अच्छा रहता है। इस दौरान तापमान 15 से 25 डिग्री के बीच बना रहता है। अप्रैल के दौरान भी बहुत सारे पर्यटक आते हैं जब मालिनी मेले का आयोजन किया जाता है।
मालिनीथान मंदिर का प्रवेश शुल्क | Entry fees of Malinithan Temple in hindi
हालांकि 2019 तक मालिनीथान मंदिर में कोई प्रवेश शुक्ल नहीं था, लेकिन 2019 में मंदिर के पुनर्निर्माण के बाद से प्रति व्यक्ति 10 रुपये का प्रवेश शुल्क लिया जाता है।
मालिनीथान मंदिर कैसे पहुंचे | How to reach in Malinithan Mandir in Hindi
ट्रेन से मालिनीथान मंदिर कैसे पहुंचे – How To Reach Malinithan Mandir By Train in Hindi
अगर आपने मालिनीथान मंदिर जाने के लिए ट्रेन को चुना है तो आपको बता दें कि लिकाबली शहर तक कोई ट्रेन नहीं चलती है, यदि आप ट्रेन से जाना चाहते हैं, तो लिकाबली का निकटतम रेलवे स्टेशन सिलापाथर है जो मालिनीथान मंदिर से 7 किमी की दूरी पर स्थित है। आप असम के किसी भी शहर से ट्रेन द्वारा सिलापाथर पहुँच सकते हैं। स्टेशन पहुंचने के बाद आप स्टेशन के बाहर से टैक्सी, कैब ऑटो रिक्शा किराए पर ले सकते हैं।
बस से मालिनीथान मंदिर कैसे पहुंचे – How To Reach Malinithan Mandir By Bus in Hindi
अगर आपने मालिनीथान मंदिर जाने के लिए बस का चुनाव किया है तो आपको बता दें कि असम राज्य के सिलपाथर शहर से मालिनीथान मंदिर के लिए प्रतिदिन बसें चलती हैं।
फ्लाइट से मालिनीथान मंदिर कैसे पहुंचे – How to reach Malinithan Mandir by flight in Hindi
अगर आपने मालिनीथान मंदिर जाने के लिए हवाई मार्ग चुना है, तो आपको बता दें कि मालिनीथान मंदिर तक पहुंचने के लिए डिब्रूगढ़ हवाई अड्डा निकटतम हवाई अड्डा है। डिब्रूगढ़ हवाई अड्डा मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता जैसे प्रमुख शहरों से दैनिक उड़ानें प्रदान करता है। हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद आप मंदिर तक पहुंचने के लिए टैक्सी या कैब किराए पर ले सकते हैं।
FAQ’s
Q-मालिनीथान मंदिर कहाँ है?
A-मालिनीथान मंदिर असम अरुणाचल प्रदेश की सीमा के लिकाबली में स्थित है।
Q-क्या लिकाबली शहर सुरक्षित है?
A-हा,लिकाबली शहर प्रयटक के लिए सुरक्षित है।
Q-मालिनीथान मंदिर किस देवी को समर्पित है ?
A-देवी दुर्गा को समर्पित मालिनीथान मंदिर।
Q-बोगीबील पुल से मालिनीथान दूरी कितनी है?
A-बोगीबील पुल से मालिनीथान 25 km दूरी पर स्थित है।
Q-लिकाबली कहाँ है?
A-लिकाबली अरुणाचल प्रदेश के लोअर सियांग जिले का एक छोटा सा खूबसूरत शहर है।
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